
कंपाउंडिंग से तो आप सभी भली भांति से परिचित होंगे, पर आप लोगों में से कोई है जो नेगेटिव कंपाउंडिंग और Bad Debt को भी समझता है। अगर नहीं तो कोई चिंता की बात नहीं है, मैं आज आपको एक रियल लाइफ कहानी के माध्यम से समझाऊंगा, जिससे आप सभी भली भांति कनेक्ट कर पाएंगे।
पहले Compounding ::
अभी चार दिन पुरानी ही बात है हम सब दोस्त साथ बैठकर गपशप कर रहे थे, तभी एक दोस्त ने एक रील अच्छी और सरप्राइज होकर बोला, 2002 में सोने की रेट सिर्फ ₹5000 थी, आज यह बढ़कर लगभग 1 लाख रुपए हो गई है । इस बात पर सभी आश्चर्यचकित होकर देखने लगे, तभी एक दोस्त तपाक से बोला, इसका मतलब यह हुआ कि उस समय अगर 5 लाख रुपए का सोना खरीद लिया होता तो आज वह 1 करोड़ से भी अधिक का हो गया होता।
मैं बोला हां बात तो सही है, पर इसमें इतना सरप्राइज होने वाली तो कोई बात नहीं है, क्या दोस्तों आप लोग अनुमान लगा सकते हैं कि इस पर हमें कितना पर्सेंट रिटर्न मिला होगा?? कुछ ने कहा 20% तो कुछ ने कहा 40% सालाना पर कोई भी सही-सही अनुमान नहीं लगा पाया।
मैं ठहरा गणित वाला, फटाफट से कैलकुलेट किया तो आंसर आया पिछले 20-22 साल में कुल रिटर्न सालाना 14%, जी हां सिर्फ 14 परसेंट। यह सुनकर सभी और ज्यादा आश्चर्य में पड़ गए। भाई 14 परसेंट से कैसे 5 लाख का 1 करोड़ बन जाएगा। मैंने कहा यह कंपाउंडिंग का जादू है। क्योंकि हर साल बड़े हुए अमाउंट पर 14% इंटरेस्ट लगता है, इसलिए अमाउंट तेजी से बढ़ता जाता है।

पर असल में कहानी यह नहीं है, यह तो फिर भी सभी लोग समझ गए पर आगे जो बताने वाला हूं वह सुनकर सभी के होश उड़ गए।
अब समझते है Negative Compounding ::
मैंने सबसे एक सवाल किया, क्या आप लोगों की फैमिली पर उस समय किसी प्रकार का लोन या कर्ज था?? 5 लाख छोड़िए 1 लाख का कर्ज तो हर किसी के घर में रहा ही होगा, चाहे वह कार लोन हो होम लोन हो या फिर किसी साहूकार से लिया हुआ उधार l
आप सबको यह जानकर हैरानी होगी, कि होम लोन के अलावा, पर्सनल लोन या साहूकार के लोन 14% से तो शुरू होते हैं, और हम में से कुछ लोगों की फैमिली ने ₹2 सैकड़ा का ब्याज भी दिया ही होगा, यानी की सालाना 24% ब्याज।
मुझे यह जानकर भी कोई हैरानी नहीं होगी की कुछ लोगों ने 3 से लेकर 5 रुपए सैकड़ा तक के ब्याज पर रुपए उधार लिए होंगे, यानी की सालाना 36% से लेकर 60% तक का ब्याज। अगर मैं गलत बोल रहा हूं दोस्तों तो कमेंट में जरूर बताना।
और मैं यह भी जानता हूं क्या हम में से कुछ लोगों ने पिछले 20-22 सालों से लगातार ब्याज दिया होगा। क्योंकि कर्ज का भंवर जाल ही ऐसा होता है एक व्यक्ति के पैसे चुकाने के लिए किसी दूसरे व्यक्ति से उधार लेते जाते हैं और हमें पता भी नहीं चलता कि हम कितना ब्याज अभी तक दे चुके हैं।
अब हमारी पुरानी कहानी पर आता हूं, हमने देखा था कि अगर 2002 में हमने 5 लाख रुपए का सोना लिया होता तो आज वह एक करोड़ रुपए हो गया होता।
अब इसी को कुछ इस तरह समझने की कोशिश करें, कि अगर हमने 2002 में 5 लाख रुपए उधार लिए और सालाना उसका ब्याज चुका रहे हैं। तो आपको शायद आपको अंदाजा भी नहीं अभी तक आप उसके बदले में एक करोड रुपए सिर्फ ब्याज के भर चुके हैं, और 5 लाख रुपए उधार अभी भी बाकी है । यही है नेगेटिव कंपाउंडिंग, और ध्यान रखना यहां से तो मैं 14 परसेंट ब्याज, यानी की लगभग 1 रुपया सैकड़ा, ब्याज जोड़ा है।
अगर आपने किसी साहूकार या क्रेडिट कार्ड कि वजह से ₹2 सैकड़ा ब्याज दिया है, तो सालाना बनता है 24 परसेंट, यानी की 2002 में सिर्फ 1 लाख रुपए कर्ज लिया होता, तो आपको जानकर हैरानी होगी कि उसके बदले में आपने अभी तक 1.83 करोड रुपए चुका दिए हैं। उससे भी बड़ी बात यह की 1.83 करोड़ रुपये कमाने के बाद भी आज हम सभी मिडिल क्लास हैं।

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